मिथीला के संस्कार एंव पर्व-त्योहार

मिथिला के संस्कार एवं पर्व त्योहार विश्व में सब से अत्यधिक विधि-विधान से संम्पन्न होने के लिए जाना जाता है | मिथिला जो कि मंडन, अयाची, विद्यापति आदि महान महात्माओं एवं ऋषि-मुनियों की भूमि रह चुकी है, और तो और महाराजा जनक की नगरी एवं माता सीता की जन्म-भूमि एक महान पावन धाम है | यहाँ पर भगवान श्रीरामचंद्रजी को भी इस पावन नगरी मिथिला में संस्कारों के पवित्र विधि-विधान के चक्र से गुजरना पड़ा था | ऐसा जान पड़ता है कि भगवान ने यहाँ के संस्कारों एवं पवित्रता के कारन ही माता सीता की जन्म-भूमि एवं अपनी ससुराल का चयन किए थे |
संस्कार: यहाँ पर संस्कार के विधि-विधान बच्चे जब माँ के गर्भ में होता है तभी से ही चालू हो जाते है | जो की निम्नलिखित प्रकार से है : -
1. जन्मोत्सव
2. छठी
3. मुंडन
4. उपनयन
5. विवाह
6. मधुश्रावणी 
7. बरषाईत
8. द्विरान्गमन
9. कोजगरा

1 comments:

  1. Bahut kam parv त्योहार mention hai
    Vivah k baad hone waale छोटे-छोटे parv aur pure saal manaye jaane wale त्योहारों ko v shaamil kijiye aur unke baare me sabko avgat karaiye ki kaun sa त्योहार kab kyun manaya jata hai

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