प्रयोजनमूलक मैथिली

मैथिली भाषा का प्रयोजन क्या है ? यह क्यूं , कब और कैसे उपयोग एवं अस्ततित्व मेँ आया , इन सब के बारे मेँ हम एक एक कर जानेँगे । केवल जरूरत है तो वह है आपका साथ, आपका विश्वाश केवल आप मेरे साथ इस ब्लाग पर बने रहेँ ।
                          हमारा आप से वादा है कि हम आपको Mithilanchal के हर उन जानकारियोँ से अवगत कराने की कोशिश करेँगे जिनके बारे मेँ आपको जानकारि नहीँ है किन्तु आपको उन तमाम पहलूओँ के बारे मेँ जानने कि इच्छा रहि है ।
                  मैथिली का राजनीति , कृषिकर्म , विज्ञापन की दुनियाँ , लोक साहित्य एवं विज्ञान के क्षेत्र मेँ क्या . कैसि और कितनी पहूँच है ।इन तमाम पहलुओँ से रूबरु करवाएंगे । तत्पश्चात, हम आपको मिथीला पेँटिँग भी उपल्बध कराएंगे . जोकि पूरे विश्व मेँ प्रशिद्द है ।
                                                             || धन्यवाद ||
आइये हम आपको एक - एक कर विस्तृत जानकारी देते चलें | तो सबसे पहले मैथिली को निम्न स्वरूपों में प्रोयोग के आधार पर , समझने एवं पढने में आशानी के लिए बांटा गया है :-
1.मैथिली का मानकीकरण 
2.प्रयोजनमूलक मैथिली एवं आकाशवाणी 
3.मैथिली और रोटी 
4.राजनीति एवं मैथिली 
5.कृषिकर्म तथा मैथिली 
6.विज्ञापन की दुनियाँ और मैथिली 
7.लोक साहित्य तथा मैथिली 
8.विज्ञान के क्षेत्र में मैथिली 

इन सब के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इच्छानुसार बिंदु वाले वाक्य पर क्लिक करें |
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