जय भगवति देवि नमो वरदे


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जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पापविनाशिनि बहुफलदे !
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे, प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे !!

जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे, जय पावकभूषितवक्त्रवरे !
जय भैरवदेहनिलीनपरे, जय अन्धकदैत्यविशोषकरे !!

जय महिषविमर्दिनि शूलकरे, जय लोकसमस्तकपापहरे !
जय देवि पितामहविष्णुनते, जय भास्करशक्रशिरोऽवनते !!

जय षण्मुखसायुधईशनुते, जय सागरगामिनि शम्भुनुते !
जय दुःखदरिद्रविनाशकरे, जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे !!

जय देवि समस्तशरीरधरे, जय नाकविदर्शिनि दुःखहरे !
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे, जय वाच्छितदायिनि सिद्धिवरे !!

जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पापविनाशिनि बहुफलदे !
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे, प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे !!
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About सौरभ मैथिल

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