Kumar Gaurav :
Facebook(राष्ट्रिय तिरंगा पार्टी)
राज्यसभा में बहुमत के नाम पर बीजेपी ने अपने समर्थको की कुहनी पर गुड़ चिपका दिया है। दरअसल वे जानबूझकर इस सच्चाई से मुंह मोड़ रहे है कि 2019 तक किसी भी सूरत में बीजेपी राज्य सभा में बहुमत नहीं जुटा सकेगी।
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'हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये खयाल अच्छा है'
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बीजेपी के नेता जब से सत्ता में आये है तब से यह झूठ फैला रहे है कि उनके पास आवश्यक कानूनों को पास करने के लिए राज्य सभा में बहुमत नहीं है। इस पैंतरे का इस्तेमाल वे दो कारणों से कर रहे है।
१) इससे बीजेपी असीमित समय तक उन कानूनों को टाल सकती है जिन्हें पास किया जा सकता है लेकिन बीजेपी की इच्छा इन्हें पास करने की नहीं है।
२) इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओ को राज्यो के चुनावो में बीजेपी के लिए वोट खींचने के काम पर दीवानो की तरह लगाए रखा जा सकता है।
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कार्यकर्ता पिछले 3 साल से बीजेपी के कार्यकर्ताओ और मोदी साहेब के अंधभगतो को यह जानकारी दे रहे है कि, राज्य सभा में बहुमत न होने का हवाला देना सिर्फ एक बहाना है। एनडीए के पास जॉइंट शेषन में बहुमत है और बीजेपी जिन भी कानूनों को पास करना चाहती है उन्हें जॉइंट शेषन में पास कर सकती है। किन्तु बीजेपी के समर्थक इस बात पर अड़ गए है कि उन्हें कानून पास करने है तो सिर्फ राज्य सभा में बहुमत लाकर ही करने है !!!
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बहरहाल, बीजेपी के लिए राज्य सभा में बहुमत अभी दूर की कौड़ी है। अभी बीजेपी के पास राज्य सभा में 56 सीटे है। 2018 में यूपी से 9 सीटे, एमपी से 5, गुजरात, राजस्थान से 4-4 और उत्तराखंड से 1 सीट खाली होगी। ये सभी सीटे बीजेपी के पास आने से भी बीजेपी के पास राज्य सभा में आंकड़ा 56 + 23 = 79 ही हो सकेगा। जबकि राज्य सभा में बहुमत के लिए 123 सांसद चाहिए। तब तक गुजरात और राजस्थान में चुनाव आ जायेंगे और इन राज्यों में बीजेपी की मौजूदा सीटो की स्थिति गड़बड़ा जायेगी। और तब तक 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव आ जायेंगे !!
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वाजपेयी ने छः साल तक सरकार चलायी और वे लगातार यह गाना गाते रहे कि, "हम गठबंधन सरकार चला रहे है" ! लेकिन जब उनने पोटा का क़ानून पास करना था तो उन्होंने जॉइंट शेषन बुलाकर इसे पास कर दिया। अब मोदी साहेब जनता को जो गाना सुना रहे है वह यह है कि, "हमारे पास राज्य सभा में बहुमत नही है, हमारे पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है" !!! और यह भी तय है कि 2019 तक बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत आने वाला नहीं है।
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लेकिन यह एक तथ्य है कि संविधान संशोधन के अतिरिक्त सभी प्रकार के कानूनों को संयुक्त अधिवेशन बुलाकर पास किया जा सकता है। अत: बीजेपी जिन भी कानूनों को पास करना चाहे उन्हें जॉइंट सेशन बुलाकर पास कर सकती है।
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१. संयुक्त अधिवेशन
संयुक्त सत्र में क़ानून पास करने के लिए वांछित संख्या -
545 + 245 = 790 ÷ 2 = 395 + 1 = 396
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NDA लोकसभा - 339
NDA राज्य सभा - 74
339 + 74 = 413 ( क़ानून पास करने के लिए जितने सांसद चाहिए बीजेपी के पास उससे 17 सांसद अधिक है )
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२) गेजेट में प्रकाशन
प्रधानमंत्री जिस भी क़ानून को देश में लागू करना चाहते है और यदि अमुक क़ानून मौजूदा कानूनों की किसी धारा का उलंघन नहीं करता तो पीएम ऐसे क़ानून को केबिनेट से पास करके सीधे गेजेट में प्रकाशित कर सकते है। गेजेट में प्रकाशित होने से कोई भी आदेश क़ानून की तरह पूरे देश में लागू हो जाता है। उदाहरण के लिए भारत में राशन कार्ड प्रणाली को गेजेट में प्रकाशित करके ही लागू किया गया था। विमुद्रीकरण को लागू करने के लिए भी मोदी साहेब ने संसद से क़ानून पास नहीं किया बल्कि इसे सीधे गेजेट में प्रकाशित किया। उल्लेखनीय है कि राम मंदिर निर्माण, बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ना, मंदिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना, मंदिरो के प्रशासन को सुधारना, गौ हत्या* आदि कानूनों को गेजेट में प्रकाशित किया जा सकता है।
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३) अध्यादेश लाना
जब सदन का सत्र चालू न हो तो प्रधानमन्त्री किसी भी क़ानून को अध्यादेश लाकर देश में लागू कर सकते है। यह अध्यादेश अगले 6 महीने तक देश में लागू रहता है, तथा जब संसद का अधिवेशन होता है तो इसे सदन में वोटिंग के लिए रखा जाता है। यदि अध्यादेश लोकप्रिय है तो सदन के शेष सांसदों पर इसके पक्ष में वोटिंग करने का दबाव बनेगा, यदि वे इसके खिलाफ वोटिंग करेंगे तो वे नागरिको के सामने एक्सपोज हो जायेंगे। मोदी साहेब को हालांकि अध्यादेश लाने से कोई गुरेज नहीं है, किन्तु वे अध्यादेश सिर्फ भूमि अधिग्रहण जैसे क़ानून को लागू करने के लिए ही लेकर आते है राम मंदिर निर्माण या बांग्लादेशी घुसपेठियो को खदेड़ने के लिए नहीं। ( हालांकि इन दोनों कानूनों को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने की जरूरत नहीं है। केबिनेट द्वारा पास करके प्रधानमन्त्री इन्हें सीधे गेजेट में प्रकाशित कर सकते है।
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तो यह बात साफ़ है कि आवश्यक कानूनों को लागू करने का बहुमत से कोई लेना देना नहीं है। यहाँ प्रश्न यह उठता है कि "राष्ट्रीय स्तर के नेता/पार्टियाँ दिन दहाड़े इतना बड़ा झूठ कैसे बोल देती है" ?
उत्तर यह है कि, नेताओ के अनुयायी सिर्फ उन्ही तथ्यो को सत्य मानते है, जो कि उनके नेताजी द्वारा प्रस्तुत किये गए हो। इनकी रुचि 'क्या कहा गया' की जगह 'किस के द्वारा कहा गया' में होती है। इस वजह से ये अन्य स्त्रोतो से सूचनाएं जुटाने का की जहमत नहीं उठाते। और इसी बात को नेता अच्छी तरह से समझते है।
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Comments :
Saurabh Bihari :
1.हम आप के इन बातों से पूरी तरह से सहमत हैं ।
2.पर क्या कर सकते हैं !
Reply:
युवा विकल्प बिहार भारत :
Sir hum ap yuva bhut kuch kr sakte he bs ek lalk honi chahiye ..........
Saurabh Bihari:
(a)Nice think. I'm very impressed.
But my dear patriot sir(देशभक्त महोदय) आप किस तरह की ललक खोज रहें हैं लोगों में !
(b)वो जो J.N.U में देखने को मिल रही है बराबर या फिर बिहार में M.S.U का आंदोलन ।
पता है आज तक मैंने देखा की जो क्लास में सबसे मुर्ख माना जाता था अक्सर वही नेता हुवा करता था ।
मैं जब आगे बढ़ा तो देखा की उन्हीं उल्लू सब को ज्यादा दिक्कत होती थी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में जिस कारण से वे आंदोलन करते थे ।
मुझे आकर कहते थे दोस्त तेरे लिए सब कर रहा हूँ, बस तुम समर्थन दो ।
क्यों ???????
उसे पता था की एग्जाम में यही पास करायेगा ना की आंदोलन ।
मैं मुस्कुरा क रह जाया करता था।
खैर,,,,
उससे जब आगे बढ़ा तो वही दिखा जो कॉलेज में देखने को मिला था । कुछ भी नही बदला ।
वैसे ही आकर वोट मांगने लगे वही लोग।😆 और बोले आप के लिए कर रहा हूँ आप बस समर्थन दें।
क्यूँ??????
क्योंकि उसे पता था की मेरे ही कमाई से उसे जिंदगी जिनि है(टैक्स,चंदा,आदि) ले कर ।
मैं फिर मुस्कुरा कर रह गया ।😂😂😂😂😍🌹🌹👍
आशा करता हूँ कि आप को मेरे कहने का आश्य समझ में आया होगा ।
खेद है की आप को बुरा लगा होगा ।माफ कीजिएगा ।
।।धन्यवाद।।
(c)ऊपर के लेख में जहाँ जहाँ मेरे या मैं शब्द लगा है वे जिन लोगों के हो सकते हैं वे भी देश सेवा करते हैं IAS, IPS, DOCTOR, ENGINEER, आदि बन कर । हैं की नहीं ।👍🌹🌹🌹🌹
वैसे उन्हें तो नौकरों की जरूरत होते है लेकिन कुछ ज्यादा तेज मुर्ख मालिक बन जाते हैं ।
यही है हमारे सविंधान की खासियत ।
क्योंकि लिखने वाले भी वही थे ना।
अभी मैं "मोदी" से कुछ हद तक खुश हूँ किन्तु चाहता हूँ कि उससे भी अच्छा मिले ।
।।धन्यवाद।।
Facebook(राष्ट्रिय तिरंगा पार्टी)
राज्यसभा में बहुमत के नाम पर बीजेपी ने अपने समर्थको की कुहनी पर गुड़ चिपका दिया है। दरअसल वे जानबूझकर इस सच्चाई से मुंह मोड़ रहे है कि 2019 तक किसी भी सूरत में बीजेपी राज्य सभा में बहुमत नहीं जुटा सकेगी।
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'हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये खयाल अच्छा है'
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बीजेपी के नेता जब से सत्ता में आये है तब से यह झूठ फैला रहे है कि उनके पास आवश्यक कानूनों को पास करने के लिए राज्य सभा में बहुमत नहीं है। इस पैंतरे का इस्तेमाल वे दो कारणों से कर रहे है।
१) इससे बीजेपी असीमित समय तक उन कानूनों को टाल सकती है जिन्हें पास किया जा सकता है लेकिन बीजेपी की इच्छा इन्हें पास करने की नहीं है।
२) इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओ को राज्यो के चुनावो में बीजेपी के लिए वोट खींचने के काम पर दीवानो की तरह लगाए रखा जा सकता है।
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कार्यकर्ता पिछले 3 साल से बीजेपी के कार्यकर्ताओ और मोदी साहेब के अंधभगतो को यह जानकारी दे रहे है कि, राज्य सभा में बहुमत न होने का हवाला देना सिर्फ एक बहाना है। एनडीए के पास जॉइंट शेषन में बहुमत है और बीजेपी जिन भी कानूनों को पास करना चाहती है उन्हें जॉइंट शेषन में पास कर सकती है। किन्तु बीजेपी के समर्थक इस बात पर अड़ गए है कि उन्हें कानून पास करने है तो सिर्फ राज्य सभा में बहुमत लाकर ही करने है !!!
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बहरहाल, बीजेपी के लिए राज्य सभा में बहुमत अभी दूर की कौड़ी है। अभी बीजेपी के पास राज्य सभा में 56 सीटे है। 2018 में यूपी से 9 सीटे, एमपी से 5, गुजरात, राजस्थान से 4-4 और उत्तराखंड से 1 सीट खाली होगी। ये सभी सीटे बीजेपी के पास आने से भी बीजेपी के पास राज्य सभा में आंकड़ा 56 + 23 = 79 ही हो सकेगा। जबकि राज्य सभा में बहुमत के लिए 123 सांसद चाहिए। तब तक गुजरात और राजस्थान में चुनाव आ जायेंगे और इन राज्यों में बीजेपी की मौजूदा सीटो की स्थिति गड़बड़ा जायेगी। और तब तक 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव आ जायेंगे !!
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वाजपेयी ने छः साल तक सरकार चलायी और वे लगातार यह गाना गाते रहे कि, "हम गठबंधन सरकार चला रहे है" ! लेकिन जब उनने पोटा का क़ानून पास करना था तो उन्होंने जॉइंट शेषन बुलाकर इसे पास कर दिया। अब मोदी साहेब जनता को जो गाना सुना रहे है वह यह है कि, "हमारे पास राज्य सभा में बहुमत नही है, हमारे पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है" !!! और यह भी तय है कि 2019 तक बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत आने वाला नहीं है।
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लेकिन यह एक तथ्य है कि संविधान संशोधन के अतिरिक्त सभी प्रकार के कानूनों को संयुक्त अधिवेशन बुलाकर पास किया जा सकता है। अत: बीजेपी जिन भी कानूनों को पास करना चाहे उन्हें जॉइंट सेशन बुलाकर पास कर सकती है।
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१. संयुक्त अधिवेशन
संयुक्त सत्र में क़ानून पास करने के लिए वांछित संख्या -
545 + 245 = 790 ÷ 2 = 395 + 1 = 396
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NDA लोकसभा - 339
NDA राज्य सभा - 74
339 + 74 = 413 ( क़ानून पास करने के लिए जितने सांसद चाहिए बीजेपी के पास उससे 17 सांसद अधिक है )
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२) गेजेट में प्रकाशन
प्रधानमंत्री जिस भी क़ानून को देश में लागू करना चाहते है और यदि अमुक क़ानून मौजूदा कानूनों की किसी धारा का उलंघन नहीं करता तो पीएम ऐसे क़ानून को केबिनेट से पास करके सीधे गेजेट में प्रकाशित कर सकते है। गेजेट में प्रकाशित होने से कोई भी आदेश क़ानून की तरह पूरे देश में लागू हो जाता है। उदाहरण के लिए भारत में राशन कार्ड प्रणाली को गेजेट में प्रकाशित करके ही लागू किया गया था। विमुद्रीकरण को लागू करने के लिए भी मोदी साहेब ने संसद से क़ानून पास नहीं किया बल्कि इसे सीधे गेजेट में प्रकाशित किया। उल्लेखनीय है कि राम मंदिर निर्माण, बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ना, मंदिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना, मंदिरो के प्रशासन को सुधारना, गौ हत्या* आदि कानूनों को गेजेट में प्रकाशित किया जा सकता है।
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३) अध्यादेश लाना
जब सदन का सत्र चालू न हो तो प्रधानमन्त्री किसी भी क़ानून को अध्यादेश लाकर देश में लागू कर सकते है। यह अध्यादेश अगले 6 महीने तक देश में लागू रहता है, तथा जब संसद का अधिवेशन होता है तो इसे सदन में वोटिंग के लिए रखा जाता है। यदि अध्यादेश लोकप्रिय है तो सदन के शेष सांसदों पर इसके पक्ष में वोटिंग करने का दबाव बनेगा, यदि वे इसके खिलाफ वोटिंग करेंगे तो वे नागरिको के सामने एक्सपोज हो जायेंगे। मोदी साहेब को हालांकि अध्यादेश लाने से कोई गुरेज नहीं है, किन्तु वे अध्यादेश सिर्फ भूमि अधिग्रहण जैसे क़ानून को लागू करने के लिए ही लेकर आते है राम मंदिर निर्माण या बांग्लादेशी घुसपेठियो को खदेड़ने के लिए नहीं। ( हालांकि इन दोनों कानूनों को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने की जरूरत नहीं है। केबिनेट द्वारा पास करके प्रधानमन्त्री इन्हें सीधे गेजेट में प्रकाशित कर सकते है।
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तो यह बात साफ़ है कि आवश्यक कानूनों को लागू करने का बहुमत से कोई लेना देना नहीं है। यहाँ प्रश्न यह उठता है कि "राष्ट्रीय स्तर के नेता/पार्टियाँ दिन दहाड़े इतना बड़ा झूठ कैसे बोल देती है" ?
उत्तर यह है कि, नेताओ के अनुयायी सिर्फ उन्ही तथ्यो को सत्य मानते है, जो कि उनके नेताजी द्वारा प्रस्तुत किये गए हो। इनकी रुचि 'क्या कहा गया' की जगह 'किस के द्वारा कहा गया' में होती है। इस वजह से ये अन्य स्त्रोतो से सूचनाएं जुटाने का की जहमत नहीं उठाते। और इसी बात को नेता अच्छी तरह से समझते है।
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________________________
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Saurabh Bihari :
1.हम आप के इन बातों से पूरी तरह से सहमत हैं ।
2.पर क्या कर सकते हैं !
Reply:
युवा विकल्प बिहार भारत :
Sir hum ap yuva bhut kuch kr sakte he bs ek lalk honi chahiye ..........
Saurabh Bihari:
(a)Nice think. I'm very impressed.
But my dear patriot sir(देशभक्त महोदय) आप किस तरह की ललक खोज रहें हैं लोगों में !
(b)वो जो J.N.U में देखने को मिल रही है बराबर या फिर बिहार में M.S.U का आंदोलन ।
पता है आज तक मैंने देखा की जो क्लास में सबसे मुर्ख माना जाता था अक्सर वही नेता हुवा करता था ।
मैं जब आगे बढ़ा तो देखा की उन्हीं उल्लू सब को ज्यादा दिक्कत होती थी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में जिस कारण से वे आंदोलन करते थे ।
मुझे आकर कहते थे दोस्त तेरे लिए सब कर रहा हूँ, बस तुम समर्थन दो ।
क्यों ???????
उसे पता था की एग्जाम में यही पास करायेगा ना की आंदोलन ।
मैं मुस्कुरा क रह जाया करता था।
खैर,,,,
उससे जब आगे बढ़ा तो वही दिखा जो कॉलेज में देखने को मिला था । कुछ भी नही बदला ।
वैसे ही आकर वोट मांगने लगे वही लोग।😆 और बोले आप के लिए कर रहा हूँ आप बस समर्थन दें।
क्यूँ??????
क्योंकि उसे पता था की मेरे ही कमाई से उसे जिंदगी जिनि है(टैक्स,चंदा,आदि) ले कर ।
मैं फिर मुस्कुरा कर रह गया ।😂😂😂😂😍🌹🌹👍
आशा करता हूँ कि आप को मेरे कहने का आश्य समझ में आया होगा ।
खेद है की आप को बुरा लगा होगा ।माफ कीजिएगा ।
।।धन्यवाद।।
(c)ऊपर के लेख में जहाँ जहाँ मेरे या मैं शब्द लगा है वे जिन लोगों के हो सकते हैं वे भी देश सेवा करते हैं IAS, IPS, DOCTOR, ENGINEER, आदि बन कर । हैं की नहीं ।👍🌹🌹🌹🌹
वैसे उन्हें तो नौकरों की जरूरत होते है लेकिन कुछ ज्यादा तेज मुर्ख मालिक बन जाते हैं ।
यही है हमारे सविंधान की खासियत ।
क्योंकि लिखने वाले भी वही थे ना।
अभी मैं "मोदी" से कुछ हद तक खुश हूँ किन्तु चाहता हूँ कि उससे भी अच्छा मिले ।
।।धन्यवाद।।
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Thanks for your valuable feedback. Please be continue over my blog.
आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद। कृपया मेरे ब्लॉग पर आना जारी रखें।