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साम्राज्य संस्थापक महान शूरवीर छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर कोटि-कोटि नमन |
शिवाजी महाराज एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाने जाते है | सेनानायक के रूप में शिवाजी की महानता निर्विवाद रही है। शिवाजी एक समर्पित हिन्दु राजा थे और धार्मिक सहिष्णुता के पक्षपाती भी थे। उनके साम्राज्य में मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता थी और मुसलमानों को धर्मपरिवर्तन के लिेए विवश नहीं किया जाता था। कई मस्जिदों के निर्माण के लिए शिवाजी ने अनुदान दिया। हिन्दू पण्डितों की तरह मुसलमान सन्तों और फ़कीरों को भी सम्मान प्राप्त था। वे पारम्परिक हिन्दू मूल्यों तथा शिक्षा पर बल देते थे।
वह अपने अभियानों का आरंभ भी अक्सर दशहरा के मौके पर करते थे |
मुग़लों, बीजापुर के सुल्तान, गोवा के पुर्तग़ालियों और जंजीरा स्थित अबीसिनिया के समुद्री डाकुओं के प्रबल प्रतिरोध के बावजूद उन्होंने दक्षिण में एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य की स्थापना की।
धार्मिक आक्रामकता के युग में वह लगभग अकेले ही धार्मिक सहिष्णुता के समर्थक बने रहे। जिस स्वतंत्रता की भावना से वे स्वयं प्रेरित हुए थे, उसे उन्होंने अपने देशवासियों के हृदय में भी प्रज्वलित कर दिया था | उसी से भविष्य में विशाल मराठा साम्राज्य की स्थापना हुई। शिवाजी यथार्थ में एक व्यावहारिक आदर्शवादी थे।
शिवाजी महाराज एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाने जाते है | सेनानायक के रूप में शिवाजी की महानता निर्विवाद रही है। शिवाजी एक समर्पित हिन्दु राजा थे और धार्मिक सहिष्णुता के पक्षपाती भी थे। उनके साम्राज्य में मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता थी और मुसलमानों को धर्मपरिवर्तन के लिेए विवश नहीं किया जाता था। कई मस्जिदों के निर्माण के लिए शिवाजी ने अनुदान दिया। हिन्दू पण्डितों की तरह मुसलमान सन्तों और फ़कीरों को भी सम्मान प्राप्त था। वे पारम्परिक हिन्दू मूल्यों तथा शिक्षा पर बल देते थे।
वह अपने अभियानों का आरंभ भी अक्सर दशहरा के मौके पर करते थे |
मुग़लों, बीजापुर के सुल्तान, गोवा के पुर्तग़ालियों और जंजीरा स्थित अबीसिनिया के समुद्री डाकुओं के प्रबल प्रतिरोध के बावजूद उन्होंने दक्षिण में एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य की स्थापना की।
धार्मिक आक्रामकता के युग में वह लगभग अकेले ही धार्मिक सहिष्णुता के समर्थक बने रहे। जिस स्वतंत्रता की भावना से वे स्वयं प्रेरित हुए थे, उसे उन्होंने अपने देशवासियों के हृदय में भी प्रज्वलित कर दिया था | उसी से भविष्य में विशाल मराठा साम्राज्य की स्थापना हुई। शिवाजी यथार्थ में एक व्यावहारिक आदर्शवादी थे।
Nice one.
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