भाईदूज (भातृ द्वितीया) पर्व



प्रिय ब्लॉग दर्शकों प्रस्तुत है हमारे मिथिलांचल एवं पुरे भारत वर्ष में भाई-बहन का प्रिय पर्व के बारे में विशेष जानकारी जो की हम अपने ज्ञान एवं तर्क के हिसाब से प्रस्तुत कर रहे हैं |
                                जो की मैथिलि भाषा में लिखा गया है |निम्न रूप में लिखित है :-

कार्तिक मासक शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि कें मनाओल जाइत अछिएकरा यम द्वितीयासेहो कहल जाइत छैक ! कहल जाइत छैक कि , यम देवता अपन बहिन जमुना कें एही दिनदर्शन देने छलाहयम महाराज व्यस्तता केर कारणें अपन बहिन सं भेट नहि पबैत छलाह ! एहिदिन बहिन अरिपन दअठाओ पीढ़ी भाइ के बाट तकैत अछि!
                    सब बहिनअपन भाय के सुखसमृद्धि एवम् दीर्घायु के कामना करैतभाइभैयाके टीका लगबैत छैथ नौत लेत छैथ। बहिन सब भाइ के हाथ मे पिठार सिन्दुर लगाकऽहाथ मे पान सुपारी पैसा रखैत,जल सँ हाथ नौतति छैथ। नौतऽ काल माथ मे टीका लगा कऽ बहिन सब बजैत छैथ :-

''गंगा नोतय छैथ यमुना केहम नोतय छी (भाई के नाम ) भाई के.
जहिना जहिना गंगा-यमुना के धार बहय,हमर भाय सबहक औरदा बढ़य" 


 मैथिलि केर ई एक तरह स  मंत्र पढ़ैत छैथ  तकर बाद अपन इच्छाशक्ति के अनुसार भाइ सब बहिन के उपहार दैत छैथ।
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About सौरभ मैथिल

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