सैनिकों की बस्ती के नाम से मशहूर रतनपुर में शुक्रवार दिनांक 15 जनवरी 2016 को पूर्व सैनिकों ने धूमधाम से के साथ सैनिक दिवस मनाया | अवकाशप्राप्त कैप्टन नवल किशोर ठाकुर के अध्यक्षता और दिनेश ठाकुर के संचालन में हुए समारोह की शुरुआत 1942 के भारत छोडो आंदोलन में शहीद हुए प्रदीप शर्मा और मो. बिलट दर्जी की मूर्ति पर माल्यार्पन से हुई |
इसके बाद हाल हिं में पठानकोट हमले में शहीद हुए सैनिकों और 1971 की जंग के हीरो रहे भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब के निधन पर शोक प्रस्ताव कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई |
समारोह के मुख्य अतिथि अवकाशप्राप्त कैप्टन डीसी झा ने कहा कि भारत पठानकोट जैसे हमले से डरने वाला देश नही है | बार-बार पाकिस्तान हमारी सहिष्णुता और धैर्य की परीक्षा लेना चाहता है | हम नही चाहते है कि हमारे पड़ोसी का बुरा हाल हो जाय | हम पड़ोसियों से बेहतर संबंध के हिमायती रहे हैं | राम दयाल ठाकुर ने कहा कि किसी भी देश की संस्कृति उसकी पहचान होती है | उन्होंने ने कहा कि जानबूझकर बार-बार हमारी संस्कृति पर हमला किया जा रहा है | इसीलिए पूर्व के सैनिकों का कर्तव्य बाँट है कि वे सीमा की रक्षा के दायित्व से मुक्त होने के बाद अब वे देश के अन्दर हमारी संस्कृति पर हमला करने वाले तत्वों के खिलाफ एक जुट होकर लड़ें | पूर्व सैनिक सेवा परिषद् के जिलाध्यक्ष महेंद्र साह ने समाज सेवा के रूप में पंधायत चुनाव में पूर्व सैनिकों से भाग लेने का अनुरोध किया |
समारोह को राम निदेश ठाकुर, सुरेन्द्र राम, धनञ्जय ठाकुर, कृष्णदेव ठाकुर, चंदेश्वर ठाकुर, अर्जुन ठाकुर, राम बाबु ठाकुर, आशा नारायण ठाकुर, सुरेश भगत, राम सगुन झा, रामेश्वर सिंह, सीताराम पासवान, राकेश ठाकुर, चंदेश्वर ठाकुर आदि ने संबोधित किया | सेना दिवस पर विशेष तथ्यों को रखने के लिए गॉव के स्नातक की छात्रा पूजा कुमारी को कैप्टन डीसी झा ने सम्मानित किया |
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