वाकपटुता के धनी गोनू झा

भरवाड़ा स्थित गोनू झा की मूर्ति 

दरभंगा अतरवेल-जाले पथ पर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थित भरवाड़ा पंचायत, प्राचीन काल से ही वाक्पटुता के धनी गोनू झा के नाम पर गोनू गॉव के नाम से प्रसिद्ध है |
                                       गोनू झा के बिहार प्रान्त में ओ स्थान भेटल अछि जे उत्तर भारत में इतिहास पुरूष बीरबल के, दक्षिण में विजयनगर राज्यक विदूषक तेनालिराम के या बंगाल में गोपाल भांड के मिलल अछि। बिहार से सटल पुर्वि उत्तर प्रदेश, हिन्दी भाषी नेपाली क्षेत्र आ पुर्वि बंगाल में हुनक खिस्सा बड दिलचस्पी सँ सुनल आ सुनावल जाएत अछि। 
बिहारक ग्रामीण अंचल में हुनक खिस्सा के उदाहरण रूपसँ पेश कैल जाएत अछि। 
गोनू झा एगो कालपुरुष बनि गेल अछि। 
एना मानल जाइत अछि की गोनू झा के जन्म दरभंगा जिला के सिंहबाडा प्रखण्डक 'भरौरा' नामक गाममे ५०० वर्ष पूर्व भेल छल। 
गोनू झा के पिता धार्मिक प्रवृत्तिक इन्सान छेलाह। अहिस् हुनक जेष्ठ संतान गोनू झा में ओहने संस्कार बनल। गोनू झा कालि माँ के परम भक्त छेलाह, एना मानल जाइत अछि जे कालि माँ के विषेश कृपासँ गोनू झा के एतेक प्रखर बुद्धि मिलल।
गोनू झा 'सठे शाठ्यम समाचरेत' वाला कहावत पर विश्वास रखैत छलाह, ओ बुराई के ओकर अन्जाम तक पहुचेने बिना चैन नै लैछेलाह। हुनकर परिहासो शिष्ट किस्म के होएत छल। ओ अपन बुद्धि कौशल से मिथिला राज्यक सम्मानित पदाधिकारी बनलाह। 
हुनक अनेको कथा दंतकथाक रूपमे प्रसिद्ध अछि आ पत्र-पत्रिका में अनेकों रोचक, ज्ञानवर्धक कथा अखन धरि भरपूर मनोरंजन करैत अछि।
Share on Google Plus

About सौरभ मैथिल

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

0 comments:

Post a Comment

Thanks for your valuable feedback. Please be continue over my blog.

आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद। कृपया मेरे ब्लॉग पर आना जारी रखें।

Disclaimer: इस ब्लॉग पर बहुत जगहों से content को उपलब्ध किया जा रहा है, अगर आपको लगे की ये चीज आपकी है तो आप सम्बंधित पोस्ट पर कमेंट करें ना की हमें कॉल करने की कोशिश ।